नाभि हमारे शरीर के केंद्र में स्थित होती है और यह शरीर की आंतरिक ऊर्जा और संतुलन को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है। जब नाभि अपनी प्राकृतिक स्थिति से हट जाती है, तो इसे नाभि खिसकना (Naabhi Dislocation / Naabhi Dheelapan / Naabhi Chalna) कहते हैं। यह समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों में देखी जाती है, लेकिन अधिकतर लोगों को इसका सही समाधान नहीं पता होता।
नाभि खिसकने से पेट में दर्द, अपच, भूख न लगना, कब्ज या दस्त जैसी परेशानियां हो सकती हैं। अगर समय रहते इसका सही इलाज न किया जाए, तो यह समस्या लंबे समय तक बनी रह सकती है।
aहम आपको नाभि खिसकने के कारण, लक्षण, और घर पर इसे ठीक करने के प्रभावी उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। साथ ही, योगासन के ज़रिए नाभि को स्थिर और संतुलित करने के तरीकों पर भी चर्चा करेंगे।
नाभि खिसकने के कारण (Causes of Naabhi Dislocation)
नाभि खिसकने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इनमें कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
1. अचानक भारी वजन उठाना
गलत तरीके से भारी सामान उठाने पर पेट की मांसपेशियों पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे नाभि अपनी सही स्थिति से हट सकती है। यह समस्या ज्यादातर मजदूरों, जिम में वेट लिफ्टिंग करने वालों और घरेलू कार्यों में लगे लोगों में देखी जाती है।
2. अचानक झटका लगना या गिरना
अगर किसी व्यक्ति को अचानक गिरने, फिसलने या झटका लगने से पेट पर असर पड़ता है, तो नाभि अपनी जगह से हट सकती है। यह बच्चों और बुजुर्गों में अधिक देखा जाता है।
3. पाचन तंत्र की गड़बड़ी
अगर किसी व्यक्ति को लगातार कब्ज (constipation) या डायरिया (diarrhea) रहता है, तो यह समस्या पेट की नसों को कमजोर कर सकती है। इससे नाभि असंतुलित हो सकती है।
4. अचानक मांसपेशियों पर दबाव आना
यदि कोई व्यक्ति अचानक बहुत तेज़ दौड़ता है, कूदता है, या भारी व्यायाम करता है, तो पेट की नसों पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे नाभि अपनी जगह से हट सकती है।
5. महिलाओं में गर्भावस्था और प्रसव के दौरान
गर्भावस्था में शारीरिक बदलाव और डिलीवरी के दौरान नाभि पर अधिक दबाव पड़ता है। इससे कई महिलाओं में प्रसव के बाद नाभि खिसकने की समस्या देखी जाती है।
6. गलत तरीके से योग या एक्सरसाइज करना
अगर कोई व्यक्ति गलत आसन में योग करता है या बिना मार्गदर्शन के भारी व्यायाम करता है, तो इससे नाभि हिल सकती है।
नाभि खिसकने के लक्षण (Symptoms of Naabhi Dislocation)

अगर नाभि खिसक जाती है, तो शरीर में कुछ प्रमुख लक्षण दिखाई देते हैं। ये लक्षण हल्के या गंभीर हो सकते हैं:
✔ पेट दर्द: खासकर नाभि के आसपास हल्का या तेज़ दर्द महसूस हो सकता है।
✔ पेट में भारीपन या फूला हुआ महसूस होना: नाभि खिसकने के बाद गैस बनने की समस्या बढ़ सकती है।
✔ भूख न लगना: अपच और भूख कम लगने की शिकायत हो सकती है।
✔ मलत्याग में परेशानी: कब्ज या डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
✔ कमजोरी और थकान: शरीर में हल्की सुस्ती और थकावट महसूस हो सकती है।
✔ नाभि का असामान्य रूप से हिलना: जब आप लेटकर अपने पेट को ध्यान से देखते हैं, तो नाभि अपनी सही जगह पर नहीं दिखती।
अगर इन लक्षणों को नजरअंदाज किया जाए, तो समस्या और गंभीर हो सकती है। इसलिए इसे ठीक करने के लिए सही कदम उठाना जरूरी है।
घर पर नाभि ठीक करने के आसान उपाय (Home Remedies to Fix Naabhi Dislocation)
1. गुनगुने तेल से नाभि की मालिश करें
? सरसों या नारियल तेल को हल्का गुनगुना करके नाभि और उसके आसपास मालिश करें।
? मालिश को नाभि के चारों ओर दक्षिणावर्त (clockwise) दिशा में करें।
? यह पेट की नसों को आराम देता है और नाभि को सही स्थिति में लाने में मदद करता है।
2. गुनगुने पानी की सिकाई करें
? गर्म पानी से भरी बोतल को नाभि के ऊपर रखें और 10-15 मिनट तक सिकाई करें।
? इससे पेट की नसों को आराम मिलेगा और नाभि अपनी जगह वापस आ सकती है।
3. अजवाइन और मेथी का काढ़ा पिएं
? 1 गिलास पानी में 1 चम्मच अजवाइन और 1 चम्मच मेथी उबालें।
? इसे गुनगुना करके दिन में 1-2 बार पिएं।
? यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और नाभि को ठीक करने में मदद करता है।
4. अदरक और इलायची का सेवन करें
? पाचन को सुधारने के लिए रोज सुबह इलायची और अदरक का पानी पिएं।
? इससे पेट में बनने वाली गैस कम होगी और नाभि सही जगह पर आ सकती है।
नाभि ठीक करने के लिए योगासन (Yoga for Naabhi Dislocation)

योगासन नाभि को प्राकृतिक रूप से ठीक करने में मदद करते हैं। ये योगासन पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं, पाचन को सुधारते हैं और नाभि को संतुलित रखते हैं।
1. पवनमुक्तासन (Pawanmuktasana) – गैस रिलीज करने के लिए प्रभावी योगासन
कैसे करें?
- पीठ के बल लेट जाएं और दोनों पैरों को सीधा रखें।
- दाएं पैर को घुटने से मोड़ें और उसे दोनों हाथों से पकड़कर छाती की ओर दबाएं।
- सिर को उठाकर घुटने से मिलाने की कोशिश करें और 10 सेकंड तक रुकें।
- इसी प्रक्रिया को दूसरे पैर के साथ दोहराएं।
- फिर दोनों पैरों को मोड़कर एक साथ छाती की ओर दबाएं और 10-15 सेकंड तक होल्ड करें।
फायदे:
✔ पेट की गैस निकालने में मदद करता है।
✔ पाचन शक्ति बढ़ाता है और कब्ज दूर करता है।
✔ नाभि को संतुलित करने में मदद करता है।
2. नवासन (Navasana) – पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए
कैसे करें?
- योगा मैट पर बैठें और पैरों को सामने फैलाएं।
- धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाएं और शरीर को V-शेप में संतुलित करें।
- हाथों को सामने की ओर सीधा रखें और इस स्थिति में 10-15 सेकंड तक रहें।
- धीरे-धीरे वापस सामान्य स्थिति में आ जाएं।
फायदे:
✔ पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
✔ नाभि के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है।
✔ पाचन तंत्र को सुधारता है।
3. बालासन (Balasana) – नाभि को संतुलित करने के लिए
कैसे करें?
- योगा मैट पर घुटनों के बल बैठें और शरीर को आगे की ओर झुकाएं।
- अपने सिर को ज़मीन पर रखें और हाथों को सामने फैलाएं।
- 20-30 सेकंड तक इसी स्थिति में रहें और गहरी सांस लें।
- धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौटें।
फायदे:
✔ नाभि को संतुलित करता है।
✔ पेट की मांसपेशियों को आराम देता है।
✔ मानसिक शांति प्रदान करता है।
4. भुजंगासन (Bhujangasana) – पेट की नसों को मजबूत करने के लिए
कैसे करें?
- पेट के बल लेट जाएं और दोनों हाथों को कंधों के पास रखें।
- धीरे-धीरे सांस लेते हुए शरीर के ऊपरी हिस्से को उठाएं और सिर को ऊपर करें।
- इस मुद्रा में 10-15 सेकंड तक रहें और फिर धीरे-धीरे वापस आएं।
फायदे:
✔ नाभि के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
✔ पाचन क्रिया को सुधारता है।
✔ पेट दर्द और गैस की समस्या को कम करता है।
5. मंडूकासन (Mandukasana) – पेट के संतुलन के लिए
कैसे करें?
- घुटनों के बल बैठकर दोनों हाथों को मुट्ठी बनाकर नाभि के पास रखें।
- सांस छोड़ते हुए शरीर को आगे की ओर झुकाएं।
- इस स्थिति को 10-15 सेकंड तक बनाए रखें।
- धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौटें।
फायदे:
✔ नाभि को संतुलित करने में मदद करता है।
✔ पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।
✔ कब्ज और गैस की समस्या को दूर करता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
नाभि खिसकना एक आम समस्या है, लेकिन सही समय पर उपचार करने से इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है। Painflame में हम प्राकृतिक और प्रभावी उपचार के माध्यम से इस समस्या को ठीक करने में आपकी मदद करते हैं।
✔ महत्वपूर्ण बातें:
✅ नाभि खिसकने के लक्षणों को पहचानें और तुरंत सही उपाय करें।
✅ घर पर ही मालिश, सिकाई, आयुर्वेदिक उपाय और योगासन से इसे ठीक करें।
✅ यदि बार-बार यह समस्या हो रही है, तो Painflame के विशेषज्ञों से परामर्श लें और अपने इलाज को सुनिश्चित करें।
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Frequently Asked Questions (FAQs)
नाभि खिसकने की समस्या कितने दिनों में ठीक हो सकती है?
यह समस्या व्यक्ति की शारीरिक स्थिति, उपचार के तरीके और देखभाल पर निर्भर करती है। हल्के मामलों में 2-5 दिनों में सुधार दिख सकता है, जबकि गंभीर मामलों में 1-2 हफ्ते लग सकते हैं। सही मसाज, योगासन और खान-पान पर ध्यान देने से जल्दी राहत मिलती है।
क्या नाभि खिसकने से पाचन तंत्र पर असर पड़ता है?
हां, नाभि का हिलना पाचन क्रिया को प्रभावित कर सकता है। इससे गैस, अपच, कब्ज या डायरिया की समस्या हो सकती है। कई लोगों को भूख कम लगने या पेट भारी महसूस होने की शिकायत होती है। सही आहार, आयुर्वेदिक काढ़े और योगासन से इस समस्या को दूर किया जा सकता है।
क्या बार-बार नाभि खिसकना किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है?
अगर नाभि बार-बार खिसक रही है, तो यह पेट की कमजोर मांसपेशियों या आंतरिक नसों की कमजोरी का संकेत हो सकता है। लंबे समय तक इसे अनदेखा करने से पाचन विकार, पेट दर्द और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। नियमित व्यायाम और विशेषज्ञ की सलाह लेना जरूरी है।
क्या नाभि खिसकने से महिलाओं के पीरियड्स पर असर पड़ सकता है?
हां, कुछ महिलाओं में नाभि खिसकने के कारण पेट दर्द, ऐंठन और मासिक धर्म की अनियमितता हो सकती है। यह खासकर तब होता है जब नाभि के आसपास की मांसपेशियां कमजोर होती हैं। सही योगासन और मालिश से इस समस्या को ठीक किया जा सकता है।
नाभि खिसकने की समस्या से बचने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
नाभि खिसकने से बचने के लिए भारी वजन सही तरीके से उठाएं, अचानक झटके से बचें और गलत तरीके से व्यायाम न करें। पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए नियमित योग करें। पाचन तंत्र स्वस्थ रखने के लिए संतुलित आहार लें और पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं।