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नाभि हमारे शरीर के केंद्र में स्थित होती है और यह शरीर की आंतरिक ऊर्जा और संतुलन को बनाए रखने में अहम भूमिका निभाती है। जब नाभि अपनी प्राकृतिक स्थिति से हट जाती है, तो इसे नाभि खिसकना (Naabhi Dislocation / Naabhi Dheelapan / Naabhi Chalna) कहते हैं। यह समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों में देखी जाती है, लेकिन अधिकतर लोगों को इसका सही समाधान नहीं पता होता।
नाभि खिसकने से पेट में दर्द, अपच, भूख न लगना, कब्ज या दस्त जैसी परेशानियां हो सकती हैं। अगर समय रहते इसका सही इलाज न किया जाए, तो यह समस्या लंबे समय तक बनी रह सकती है।
aहम आपको नाभि खिसकने के कारण, लक्षण, और घर पर इसे ठीक करने के प्रभावी उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। साथ ही, योगासन के ज़रिए नाभि को स्थिर और संतुलित करने के तरीकों पर भी चर्चा करेंगे।
नाभि खिसकने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इनमें कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
गलत तरीके से भारी सामान उठाने पर पेट की मांसपेशियों पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे नाभि अपनी सही स्थिति से हट सकती है। यह समस्या ज्यादातर मजदूरों, जिम में वेट लिफ्टिंग करने वालों और घरेलू कार्यों में लगे लोगों में देखी जाती है।
अगर किसी व्यक्ति को अचानक गिरने, फिसलने या झटका लगने से पेट पर असर पड़ता है, तो नाभि अपनी जगह से हट सकती है। यह बच्चों और बुजुर्गों में अधिक देखा जाता है।
अगर किसी व्यक्ति को लगातार कब्ज (constipation) या डायरिया (diarrhea) रहता है, तो यह समस्या पेट की नसों को कमजोर कर सकती है। इससे नाभि असंतुलित हो सकती है।
यदि कोई व्यक्ति अचानक बहुत तेज़ दौड़ता है, कूदता है, या भारी व्यायाम करता है, तो पेट की नसों पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे नाभि अपनी जगह से हट सकती है।
गर्भावस्था में शारीरिक बदलाव और डिलीवरी के दौरान नाभि पर अधिक दबाव पड़ता है। इससे कई महिलाओं में प्रसव के बाद नाभि खिसकने की समस्या देखी जाती है।
अगर कोई व्यक्ति गलत आसन में योग करता है या बिना मार्गदर्शन के भारी व्यायाम करता है, तो इससे नाभि हिल सकती है।
अगर नाभि खिसक जाती है, तो शरीर में कुछ प्रमुख लक्षण दिखाई देते हैं। ये लक्षण हल्के या गंभीर हो सकते हैं:
✔ पेट दर्द: खासकर नाभि के आसपास हल्का या तेज़ दर्द महसूस हो सकता है।
✔ पेट में भारीपन या फूला हुआ महसूस होना: नाभि खिसकने के बाद गैस बनने की समस्या बढ़ सकती है।
✔ भूख न लगना: अपच और भूख कम लगने की शिकायत हो सकती है।
✔ मलत्याग में परेशानी: कब्ज या डायरिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
✔ कमजोरी और थकान: शरीर में हल्की सुस्ती और थकावट महसूस हो सकती है।
✔ नाभि का असामान्य रूप से हिलना: जब आप लेटकर अपने पेट को ध्यान से देखते हैं, तो नाभि अपनी सही जगह पर नहीं दिखती।
अगर इन लक्षणों को नजरअंदाज किया जाए, तो समस्या और गंभीर हो सकती है। इसलिए इसे ठीक करने के लिए सही कदम उठाना जरूरी है।
👉 सरसों या नारियल तेल को हल्का गुनगुना करके नाभि और उसके आसपास मालिश करें।
👉 मालिश को नाभि के चारों ओर दक्षिणावर्त (clockwise) दिशा में करें।
👉 यह पेट की नसों को आराम देता है और नाभि को सही स्थिति में लाने में मदद करता है।
👉 गर्म पानी से भरी बोतल को नाभि के ऊपर रखें और 10-15 मिनट तक सिकाई करें।
👉 इससे पेट की नसों को आराम मिलेगा और नाभि अपनी जगह वापस आ सकती है।
👉 1 गिलास पानी में 1 चम्मच अजवाइन और 1 चम्मच मेथी उबालें।
👉 इसे गुनगुना करके दिन में 1-2 बार पिएं।
👉 यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और नाभि को ठीक करने में मदद करता है।
👉 पाचन को सुधारने के लिए रोज सुबह इलायची और अदरक का पानी पिएं।
👉 इससे पेट में बनने वाली गैस कम होगी और नाभि सही जगह पर आ सकती है।
योगासन नाभि को प्राकृतिक रूप से ठीक करने में मदद करते हैं। ये योगासन पेट की मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं, पाचन को सुधारते हैं और नाभि को संतुलित रखते हैं।
कैसे करें?
फायदे:
✔ पेट की गैस निकालने में मदद करता है।
✔ पाचन शक्ति बढ़ाता है और कब्ज दूर करता है।
✔ नाभि को संतुलित करने में मदद करता है।
कैसे करें?
फायदे:
✔ पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
✔ नाभि के संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है।
✔ पाचन तंत्र को सुधारता है।
कैसे करें?
फायदे:
✔ नाभि को संतुलित करता है।
✔ पेट की मांसपेशियों को आराम देता है।
✔ मानसिक शांति प्रदान करता है।
कैसे करें?
फायदे:
✔ नाभि के आसपास की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
✔ पाचन क्रिया को सुधारता है।
✔ पेट दर्द और गैस की समस्या को कम करता है।
कैसे करें?
फायदे:
✔ नाभि को संतुलित करने में मदद करता है।
✔ पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।
✔ कब्ज और गैस की समस्या को दूर करता है।
नाभि खिसकना एक आम समस्या है, लेकिन सही समय पर उपचार करने से इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है। Painflame में हम प्राकृतिक और प्रभावी उपचार के माध्यम से इस समस्या को ठीक करने में आपकी मदद करते हैं।
✔ महत्वपूर्ण बातें:
✅ नाभि खिसकने के लक्षणों को पहचानें और तुरंत सही उपाय करें।
✅ घर पर ही मालिश, सिकाई, आयुर्वेदिक उपाय और योगासन से इसे ठीक करें।
✅ यदि बार-बार यह समस्या हो रही है, तो Painflame के विशेषज्ञों से परामर्श लें और अपने इलाज को सुनिश्चित करें।
💬 Painflame से जुड़ें!
अगर आपको नाभि खिसकने की समस्या हो रही है और सही समाधान चाहते हैं, तो आज ही हमसे संपर्क करें!
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यह समस्या व्यक्ति की शारीरिक स्थिति, उपचार के तरीके और देखभाल पर निर्भर करती है। हल्के मामलों में 2-5 दिनों में सुधार दिख सकता है, जबकि गंभीर मामलों में 1-2 हफ्ते लग सकते हैं। सही मसाज, योगासन और खान-पान पर ध्यान देने से जल्दी राहत मिलती है।
हां, नाभि का हिलना पाचन क्रिया को प्रभावित कर सकता है। इससे गैस, अपच, कब्ज या डायरिया की समस्या हो सकती है। कई लोगों को भूख कम लगने या पेट भारी महसूस होने की शिकायत होती है। सही आहार, आयुर्वेदिक काढ़े और योगासन से इस समस्या को दूर किया जा सकता है।
अगर नाभि बार-बार खिसक रही है, तो यह पेट की कमजोर मांसपेशियों या आंतरिक नसों की कमजोरी का संकेत हो सकता है। लंबे समय तक इसे अनदेखा करने से पाचन विकार, पेट दर्द और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। नियमित व्यायाम और विशेषज्ञ की सलाह लेना जरूरी है।
हां, कुछ महिलाओं में नाभि खिसकने के कारण पेट दर्द, ऐंठन और मासिक धर्म की अनियमितता हो सकती है। यह खासकर तब होता है जब नाभि के आसपास की मांसपेशियां कमजोर होती हैं। सही योगासन और मालिश से इस समस्या को ठीक किया जा सकता है।
नाभि खिसकने से बचने के लिए भारी वजन सही तरीके से उठाएं, अचानक झटके से बचें और गलत तरीके से व्यायाम न करें। पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए नियमित योग करें। पाचन तंत्र स्वस्थ रखने के लिए संतुलित आहार लें और पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं।
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